=राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश (Board of Revenue, Uttar Pradesh - BOR UP) राज्य सरकार का एक प्रमुख संगठन है जो भूमि और राजस्व से जुड़े सभी मामलों का प्रबंधन करता है। यह उत्तर प्रदेश के राजस्व और भूमि सुधार से संबंधित सभी गतिविधियों का सर्वोच्च प्राधिकरण है।
BOR UP का गठन भूमि रिकॉर्ड के प्रबंधन, राजस्व विवादों के समाधान, और राजस्व संग्रह की निगरानी के लिए किया गया है।
BOR UP पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं की सूची
राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश (BOR UP Portal) विभिन्न भूमि और राजस्व से जुड़ी सेवाएं प्रदान करता है जो आम जनता और किसानों के लिए उपयोगी हैं।
ये सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे लोगों को समय और संसाधन की बचत होती है। यहां BOR UP पोर्टल पर उपलब्ध प्रमुख सेवाओं की सूची दी गई है:
- खतौनी (खसरा): भूमि की स्वामित्व जानकारी और भूमि रिकॉर्ड से संबंधित विवरणों का अवलोकन।
- भूलेख (भू-नक्शा / शजरा): भूमि का डिजिटल नक्शा (शजरा) देखना और भूमि की सीमाओं की जानकारी प्राप्त करना।
- राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली: भूमि विवादों से संबंधित न्यायालयीन मामलों की स्थिति की जांच और मामले की प्रगति की जानकारी।
- स्वामित्व योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेजों की जांच और स्वामित्व का अधिकार पत्र प्राप्त करना।
- उत्तराधिकार / वरासत (धारा - 33) हेतु आवेदन: भूमि पर उत्तराधिकार के अधिकार के लिए ऑनलाइन आवेदन करना। वरासत के तहत भूमि का उत्तराधिकार परिवार के अन्य सदस्यों को स्थानांतरित होता है।
- वसूली प्रमाण पत्र: भूमि से संबंधित बकाया राजस्व की वसूली के प्रमाण पत्र का ऑनलाइन प्राप्त करना।
- गैर कृषिक भूमि (धारा - 80): गैर कृषिक भूमि के उपयोग और स्वामित्व से संबंधित आवेदन और जानकारी।
- आय / जाति / निवास प्रमाण पत्र: आय, जाति, और निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा।
- धारा 98: अनुसूचित जाति के भूमिधर की भूमि के अंतरण के लिए कलेक्टर की अनुज्ञा हेतु ऑनलाइन आवेदन करना।
- धारा 89: 12.5 एकड़ (5.0586 हेक्टेयर) से अधिक भूमि के संक्रमण को अधिकृत करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा।
- एन्टी भू-माफिया पोर्टल: भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज करने और भूमि माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करने का प्लेटफॉर्म।
- राजस्व परिषद (प्रशिक्षण): राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराना।
- मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी की निरिक्षण आख्या: मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी द्वारा किए गए निरीक्षणों की रिपोर्ट्स और आख्या की जानकारी।
- मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना: किसानों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की जानकारी और इसके लिए आवेदन की सुविधा।
ये सेवाएं राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा डिजिटल रूप में प्रदान की जा रही हैं, जिससे जनता को सरकार के विभिन्न विभागों में जाने की जरूरत कम हो गई है। सभी सेवाएं पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जो प्रक्रिया को सरल और तेज बनाती हैं।
जन सुविधा
- उ.प्र. सरकार
- मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी की सूची
- सूचना का अधिकार
- प्रमाण पत्र का सत्यापन
ऐसे करें प्रमाण पत्रों का सत्यापन
UP BOR पोर्टल के माध्यम से अब उत्तर प्रदेश राज्य के नागरिक घर बैठे अपने आय / जाति / निवास के लिए आवेदन कर सकते हैं तथा इसका सत्यापन भी कर सकते हैं।
- सबसे पहले आप सरकार द्वारा दी गई वेबसाइट - https://bor.up.nic.in/ पर जाएं।
- अब होमपेज पर आपको कई सारे विकल्प प्रदर्शित होंगे, जिनमें से सबसे नीचे आपको “आय / जाति / निवास प्रमाण पत्र” के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- जैसे ही आप उस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
- इस पेज पर एक बॉक्स होगा, इसमें कृपया अपने प्रमाणपत्र की संख्या को भरें और आगे बढ़ें।
- नीचे आपके सामने आपके प्रमाण पत्र की सत्यापित कॉपी दिख जाएगी। इसे अब आप प्रिंटआउट करके अपने पास भविष्य के लिए सुरक्षित रख लें।
RCCMS उत्तर प्रदेश पोर्टल पर उपलब्ध सेवा नियमावलियों की सूची
RCCMS उत्तर प्रदेश पोर्टल पर उपलब्ध सेवा नियमावलियों की सूची निम्नलिखित है –
इसके अलावा आप इस पोर्टल पर निम्नलिखित जानकारियां भी प्राप्त कर सकते हैं:
- नियुक्ति विवरण (तहसीलदार/नायब तहसीलदार)
- नियुक्ति प्रविष्टि (तहसीलदार/नायब तहसीलदार)
- डी० आई० एल० आर० एम० पी० एम आई एस
- रेवेन्यूसॉफ्ट
- जिलाधिकारी/मण्डलायुक्तो की सूची
- भू -मानचित्र कंम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली
- मिलान खसरा
- अभिलेखों का आधुनिकरण
- ई-ऑफिस
- लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम-2013View All
राजस्व परिषद के कार्य
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद (Board of Revenue, Uttar Pradesh) राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण विभाग है जो राज्य में भूमि और राजस्व से संबंधित मामलों का प्रबंधन और नियंत्रण करता है। इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
- भूमि सुधार और प्रबंधन: उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों को लागू करना और भूमि से संबंधित विवादों को सुलझाना। इसमें भूमिहीनों को भूमि आवंटन, भू-अधिकारियों की निगरानी, और भूमि सुधार कार्यक्रमों को लागू करना शामिल है।
- राजस्व संग्रह: राज्य के विभिन्न स्रोतों से राजस्व एकत्रित करना, जिसमें भूमि कर, जल कर, स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क आदि शामिल होते हैं। यह राजस्व राज्य की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव: राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन और संरक्षित करना। इसमें भूलेख (भूमि रिकॉर्ड) का डिजिटलीकरण, खसरा, खतौनी, और अन्य भूमि दस्तावेजों का प्रबंधन शामिल है।
- राजस्व न्यायिक कार्य: भूमि विवादों, उत्तराधिकार, कब्जा, भूमि अधिग्रहण, और अन्य राजस्व संबंधी विवादों का निपटारा करना। इसके तहत, राजस्व परिषद के पास न्यायिक शक्ति होती है और यह भूमि विवादों के निपटारे के लिए विभिन्न स्तरों पर न्यायालयों का संचालन करती है।
- भू-अधिग्रहण और पुनर्वास: विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण और प्रभावित लोगों का पुनर्वास करना। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियमों का पालन करते हुए उचित मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करना शामिल है।
- नीति निर्धारण: भूमि सुधार, राजस्व संग्रह, और अन्य राजस्व संबंधी नीतियों का निर्माण और सुधार करना। इसका उद्देश्य भूमि उपयोग में सुधार और राजस्व प्रणाली को अधिक कुशल बनाना है।
- वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण: राजस्व परिषद राज्य के विभिन्न राजस्व अधिकारियों की निगरानी और उनकी गतिविधियों का मूल्यांकन करती है। इसके अंतर्गत तहसीलदार, उप-जिलाधिकारी (SDM), और अन्य राजस्व अधिकारियों का प्रबंधन होता है।
राजस्व परिषद राज्य के विकास और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि भूमि और राजस्व राज्य के संसाधनों का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
जिला लखनऊ राजस्व परिषद | क्लिक करें |
यूपी राजस्व परिषद आधिकारिक वेबसाइट | क्लिक करें |